गौरवांजली

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श्री संत तुकडोजी महाराज के रचनात्मक कार्यों कार्यों से मे भलिभाती परिचित हुं। महाराज जी का भजन स्वयं एक महान कार्य है। उससे प्रभावित होकर जनता काम मे लग जाती है। गांव गांव में घूमते हुए गांवो की उन्नति के सभी कार्यक्रम कर रहे हैं। भारत में संत की कमी नहीं किंतु ऐसा कार्य करने वाले संत कहां मिलते हैं? मैंने देखा है 50-50 हजार देहाती लोग आपके भजनों के लिए इकट्ठा होते हैं। तीन-तीन घंटे शांति से बैठे रहते हैं अनुशासन पूर्वक आपका कहना मान राम धुन प्रभात फेरी में कतार बांधकर चलते हैं। भारतीय संत परंपरा को आपने ठीक तरह सुशोभित किया है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
भारतीय संत परंपरा के आदर्श संत
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सरकारी ढांचे के अंदर जो कार्य नही हो सकता उससे अधिक अच्छा काम सन्त तुकडोजी करते है। सन्त राष्ट्रकार्य भी कर सकते है इस बात पर भी मैं इस उदाहरण से विश्वास करने लगा। देश के लिय ऐसा कार्य और ऐसे कार्यकर्ता आवश्यक है। विकास योजना सफल बनाने की शिक्षा प्राप्त करने के लिये कार्यकर्ताओंने संत तुकडोजी और उनके श्रीगुरुदेव सेवामंडल के पास जाना चाहिये।
राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
राष्ट्रकार्य के पथिक राष्ट्रसन्त


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देहाती लोगों को नैतिकता एवं सामुदयिकता पर लाने का कार्य जो देहाती में भरा पडा है, उसमें आप ज्यादातर दिलचस्पी ले रहे है।
पं.जवाहरलाल नेहरु
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विश्वशांति प्रस्थानित करने के लिय श्री संत तुकडोजी महाराज की विचार धारा तथा प्रयत्नशीलता सचमुच प्रशंसनीय है।
सरदार वल्लभभाई पटेल


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श्री संत तुकडोजी महाराज जो काम कर रहे है, वह बहुत ही उपयोगी, महत्व का है। वह काम बापू को प्रिय था। इस समय में जब बापू का रचनात्मक कार्य लोग भुले जा रहे है ऐसे वक्त श्री संत तुकडोजी महाराज इस चिराग को जलाए रखते है।
आचार्य कृपलानी
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श्रीसंत तुकडोजी महाराज का कार्य देखकर बहुत प्रसन्नता हुई । महाराजजी के कार्य जैसा कार्य हम अन्यत्र बहुत कम अनुभव करते है। मेरा विश्वास है कि महाराजजी का कार्य देश को ऊँचा दर्जे का है और देश को परम आवश्यक है।
लाल बाहादूर शास्त्री


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राष्ट्रसंत तुकडोजी अन्य साधु लोगों जैसे साधु याने बुवा नहीं है। वे बुवागिरी का नाश करना चाहता है। उनके कार्य में बहुजन समाज की उन्नती की अधिकतर लगन दिखाई देती है। उन्होंने गांधीजी के प्यारे रचनात्मक कार्यक्रम को खेडों खेडो में अपने अनोखे ढंग से शुरु किया है साथ ही उनकी काव्यवाणी भी कितनी सुरस और लोगो के दिल को खींच लेनेवाली है। खेडुती के साथ समरस होते हुये उनसे काम लेने कि कला जैसी उनमें है वैसी शायद ही कही मिलेगी।
आचार्य दादा धर्माधिकारी
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संत तुकडोजी महाराज जहाँ कदम अलते है, वही एक साथ चेतना और शांती निवास करने लगती है। प्रकाश फैलने लग जाता है। उन्होने सरकार से एक कौडी की भी सहायता न लेते हुए आदर्श सामूहिक विकास योजना सफल कर दिखाई है
डॉ. पट्टाभिसीतारामैय्या


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श्रीसंत तुकोजी महाराजजी की सामुदायिक प्रार्थना की योजना विश्वशांति के लिये अत्युत्तम है।
जॉर्ज एस. अरुडेल
अध्यक्ष
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श्रीसंत तुकोजी महाराजजी के कार्यों को देखने के बाद भारत के भविष्य की उज्वल आशाओं से हृदय भर जाता है।
सी.डी. देशमुख

समाज में समरस होकर रचनात्मक कार्य करने की ताकत गांधीजी के नामपर विचरने वाले अनेक नेताओं में जितनी नहीं है, उतनी श्रीसंत तुकडोजी में है।

जिन चीजों के निर्माण के लिये हमारे बडे बडे नेता सदैव छटपटाते है और तडपडते रहते है, श्री संत तुकोजी संचालित सेवामंडल के कार्यस्वरुप में वे ही चीजें हमारे प्रत्यक्षतः उपस्थित है।

गुरुदेव तुकडोजी महाराज के भजन-भाषण पढने सुनने से मालूम होता है कि उनके अंदर वे सारी विशेषताएं मौजूद है जो राष्ट्र की परिस्थिती सुधारने के लिये अत्यंत आवश्यक है।

श्रीसंत तुकडोजी का जो कार्य गांव गांव में चल रहा है वो सचमुच भारत सेवक समाज का ही है। भारत सेवा की सबसे बडी योजना में सेवामंडळ समझता हूँ। महाराजजी बडे त्यागी है। देश-विकास का कार्य आप अपने अनोखे ढंगसे करते है। महाराज न किसीसे सहायता की पर्वाह भी करते है। लोग आपको पैसे देते और हाथ भी जोडते है।

काँग्रेस के राजकीय कार्यकर्ता और नेता जो कार्य कर नहीं सके उसे श्री संत तुकडोजी महाराजने अपनी रसमधुर वाणी के प्रभाव से, अविरत परिश्रम से और अव्यभिचारिणी निष्ठा से करके दिखाया है।

ज्ञानेश्वर, रामदास, तुकराम इनकी उज्वल व पराक्रमी सन्तपरंपरा में श्री संत तुकडोजी का स्थान है। उनको ईश्वरादेश है।

संत तकडोजी के भजन के लिये पूना में जितने लोग आये थे, उतने किसी भी कार्यक्रम में मैने गत 20 वर्षों में नहीं देखे।

बडे बडे जपी-तपी, चमत्कारी ऋपी-महात्मा और प्रकांड-पंडितों को भी मैंने देखा, मगर श्रीसमर्थ तुकड्यादास महाराजजी सरीखे मुझे कहीं पर कोई नहीं मिले, मैं समझता हूँ कि भगवान कि एक महान शक्ति दुनिया में मूर्तिमान होकर कार्य का रही है।

श्रीसंत तुकोजी महाराज मौलिक जनसेवा कर रहे है ।

श्रीसंत तुकोजी महाराज प्रसिध्द, वैराग्यशील तथा लोकसंग्रही पुरुप है। उनके प्रसादपूर्ण कथनों की लोक-समुदाय पर गहरी छाप है।

राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज आप स्वंय देशके बडे रचनात्मक कार्यकर्ताओं में से एक है ।

संत तुकडोजी महाराज सच्चे जिवन धर्म के आचार्य है। उन्होने चलाया हुआ बहुविध जनसेवा का कार्य यही सच्ची धर्मसेवा है।

श्रीसंत तुकडोजी महाराज का कार्य मिशनरियों से श्रेष्ठ है।

भारत में ऐसे बहुत कम लोग मिलेंगे, जिन्होने राष्ट्रसंत श्री तुकोडोजी महाराज का नाम न सुना हो। महाराजजी ने सत्य, सादगी, ईमानदारी एवं सेवा का संदेश घर-घर पहुँचा दिया । उज्वल भविष्य के निर्माण के लिये जनता का मनोबल बढाने में उनका बडा हाथ है।

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